बाबा रामदेव को अरावली की जमीन देना चाहती है सरकार?

कांग्रेस के जयराम रमेश ने शून्य काल के दौरान उठाया मुददा फरीदाबाद के कोट गांव की सामलात भूमि बेचने का आरोप मार्कण्डेय पाण्डेय अरावली की चार सौ एकड़ जमीन को अवैध तरीके से बेचने का मामला संसद में गरमा गया है। कांग्रेस के जयराम रमेश ने शून्य काल के दौरान इस मुददे को मीडिया रिर्पोट के हवाले से उठाते हुए कहा है कि साल 2014 से 2016 के बीच राजनैतिक रसूख के बल पर एक प्राईवेट इंटरप्राईज ने अरावली के कॉमन लैंड को खरीद लिया है। रमेश ने कहा कि जो जमीन बेची गई है वह सुप्रीम कोर्ट के 1996 के आदेश के मुताबिक वन भूमि है जिसे बेचा अथवा खरीदा नहीं जा सकता। इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट के जनवरी 2011 के आदेश के मुताबिक सभी ग्राम समाज की सम्मिलित भूमि जिन पर किसी प्रकार का अतिक्रमण किया गया है उसे खाली कराकर उसे ग्राम पंचायत को सौंपा जाना चाहिए। जिससे उक्त जमीनों का सार्वजनिक तौर पर ग्राम समाज उपयोग कर सके। यदि सर्वोच्च न्यायालय के इन आदेशों को देखा जाए तो अरावली की जमीन खरीदने वाले ने न्यायालय की अवहेलना की है। संसद में शून्य काल में हरियाणा सरकार के पंजाब लैंड प्रिजर्वेशन एक्ट में संशोधन के मुददें