अगले साल तक 20 साल पुराने वाहन हो जाएंगे कबाड़
जल्द ही लागू करने जा रही है योजना
दुनियां भर में प्रदूषण की राजधानी बने एनसीआर से सबक लेते हुए सरकार 20 साल से अधिक पुराने व्यावसायिक वाहनों को चलन से बाहर करने जा रही है। यह वाहन प्राइवेट चालकों के हो अथवा कंपनियों के ट्राले सभी को कबाड़ घोषित कर दिया जाएगा। कारण कि इन वाहनों से एनजीटी के निर्धारित मानकों के विपरीत प्रदूषण के तत्व घोल रहे हैं। इसी के साथ व्यावसायिक वाहनों की उम्र को सरकार की ओर से 20 साल निर्धारित किया जाएगा। सरकार के इस निर्णय से गुडग़ांव, मानेसर, बादशाहपुर सहित उद्योग विहार के लाखों वाहनों के कबाड़ हो जाने की संभावना बताई जा रही है। तो वहीं गुडग़ांव में चलने वाले 40 हजार के आसपास डीजल वाहन भी चलन से बाहर हो जाएंगे।
इंटरनैशनल सेंटर फॉर ऑटोमोटीव टेक्रालाजी नामक संस्था की ओर से किए गए सर्वे में पाया गया है कि एक एसयूवी डीजल कार उतना ही नाईट्रोजन के आक्साईड का उत्सर्जन करती है जितना कि 25 पेट्रोल चालित कारें करती हैं। हांलाकि गुडग़ांव की बात करें तो यहां पर तकरीबन 40,000 से 60,000 डीजल चालित ऑटो अब भी सडक़ों पर भाग रहे हैं जो गुडग़ांव सहित पूरे एनसीआर के ही प्रदूषण में योगदान दे रहे हैं। समय के साथ वाहनों की संख्या में जहां लगातार बढोत्तरी हुई है तो वहीं ट्रैफिक जाम, वाहनों से निकलने वाले धुंए ने साईबर सिटी का दम घोंट दिया है।
नए वाहनों की खरीद पर मिलेगी छूट
सरकार अपनी योजना को अमली जामा पहनाने के लिए और नए वाहनों की खरीद को प्रोत्साहित करने के लिए जीएसटी की दरों में छूट दे सकती है। हांलाकि बताया यह जाता है कि केंद्रीय सडक़ परिवहन मंत्रालय की ओर से 15 साल पुराने वाहनों को चलन से बाहर करने की योजना थी लेकिन अब इसे बढ़ाकर 20 साल किया गया है।
इस हिसाब से साल 2000 और उससे पहले जो भी व्यावसायिक वाहन लिए गए हैं उन्हें प्रतिबंधित कर दिया जाएगा। जो वाहन स्वामी नए वाहन लेना चाहेंगे वह पुराने वाहनों को कबाड़ की कीमत पर नए वाहनों से बदल सकेंगे जिस पर सरकार की ओर से जीएसटी पर छूट दी जाएगी।
फोटो पुराने वाहनों ट्रकों आदि की
दुनियां भर में प्रदूषण की राजधानी बने एनसीआर से सबक लेते हुए सरकार 20 साल से अधिक पुराने व्यावसायिक वाहनों को चलन से बाहर करने जा रही है। यह वाहन प्राइवेट चालकों के हो अथवा कंपनियों के ट्राले सभी को कबाड़ घोषित कर दिया जाएगा। कारण कि इन वाहनों से एनजीटी के निर्धारित मानकों के विपरीत प्रदूषण के तत्व घोल रहे हैं। इसी के साथ व्यावसायिक वाहनों की उम्र को सरकार की ओर से 20 साल निर्धारित किया जाएगा। सरकार के इस निर्णय से गुडग़ांव, मानेसर, बादशाहपुर सहित उद्योग विहार के लाखों वाहनों के कबाड़ हो जाने की संभावना बताई जा रही है। तो वहीं गुडग़ांव में चलने वाले 40 हजार के आसपास डीजल वाहन भी चलन से बाहर हो जाएंगे।
इंटरनैशनल सेंटर फॉर ऑटोमोटीव टेक्रालाजी नामक संस्था की ओर से किए गए सर्वे में पाया गया है कि एक एसयूवी डीजल कार उतना ही नाईट्रोजन के आक्साईड का उत्सर्जन करती है जितना कि 25 पेट्रोल चालित कारें करती हैं। हांलाकि गुडग़ांव की बात करें तो यहां पर तकरीबन 40,000 से 60,000 डीजल चालित ऑटो अब भी सडक़ों पर भाग रहे हैं जो गुडग़ांव सहित पूरे एनसीआर के ही प्रदूषण में योगदान दे रहे हैं। समय के साथ वाहनों की संख्या में जहां लगातार बढोत्तरी हुई है तो वहीं ट्रैफिक जाम, वाहनों से निकलने वाले धुंए ने साईबर सिटी का दम घोंट दिया है।
नए वाहनों की खरीद पर मिलेगी छूट
सरकार अपनी योजना को अमली जामा पहनाने के लिए और नए वाहनों की खरीद को प्रोत्साहित करने के लिए जीएसटी की दरों में छूट दे सकती है। हांलाकि बताया यह जाता है कि केंद्रीय सडक़ परिवहन मंत्रालय की ओर से 15 साल पुराने वाहनों को चलन से बाहर करने की योजना थी लेकिन अब इसे बढ़ाकर 20 साल किया गया है।
इस हिसाब से साल 2000 और उससे पहले जो भी व्यावसायिक वाहन लिए गए हैं उन्हें प्रतिबंधित कर दिया जाएगा। जो वाहन स्वामी नए वाहन लेना चाहेंगे वह पुराने वाहनों को कबाड़ की कीमत पर नए वाहनों से बदल सकेंगे जिस पर सरकार की ओर से जीएसटी पर छूट दी जाएगी।
फोटो पुराने वाहनों ट्रकों आदि की
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