नींद में खलल पड़ी तो ईराकी ने आठवीं मंजिल से फेंका दो माह के पालतू

 ईराकी नागरिक ने आठवीं मंजिल की बालकनी से फेंका  
वन्यजीव कार्यकर्ता ने एफआईआर के लिए विभिन्न सरकारी महकमों से लगाई गुहार 
 दो से तीन माह के पप्पीज (कुत्ते के बच्चों) को एक ईराकी नागरिक ने सिर्फ इस लिए आठवीं मंजिल की बालकनी से नीचे फैंक दिया क्यों कि उसके नींद में खलल पड़ रही थी। मामला सेक्टर 65 के एमार एमराल्ड बिल्डिंग का है जहां टॉवर डी के आठवी मंजिल पर ईराकी नागरिक सैफ अजहर अब्दुल हुसैन अल नाजी रहता है। उक्त व्यक्ति दो से तीन माह की उम्र के दो कुत्ते के बच्चों को पाल रखा था, आज सुबह सात बजे जब वह सो रहा था तो उन छोटे कुत्तों ने भौंकना शुरु कर दिया। कुत्ते के बच्चों के भौकनें के कारण ईराकी नागरिक के नींद में खलल पड़ा और उसने बेरहमी से बिल्डिंग के आठवीं मंजिल से उन मासूमों उठा कर फैंक दिया। सुबह करीब सात बजे यह घटना घटी जिसके बाद जब उक्त बिल्डिंग लोगों ने आपत्ति दर्ज कराई तो ईराकी नागरिक दरवाजा बंद करके सो गया।
इस बारें में जब वन्य जीवों को लेकर कार्य करने वाली कार्यकर्ता संगीता डोगरा को पता चला तो वह संबंधित थाने में जीवजंतु क्रूरता अधिनियम के तहत मामला दर्ज करने की गुहार लगाने लगी। संगीता ने अपनी शिकायत में कहा है कि आठवीं मंजिल की बालकनी से जब उन मासूमों को फैंका गया तो तीन लोग प्रत्यक्षदर्शी गवाह है। बताया जाता है कि सुबह ही ईराकी नागरिक अपने पालतू पपीज पर जोर-जोर से चिल्ला रहा था और अंत में उन मासूमों को उठाकर बाहर फैंक दिया जिससे उन दोनों की मौत हो गई। संगीता डोगरा कहती है कि छोटे बच्चों का व्यवहार दो से तीन माह में असामान्य होता है कारण कि वे अपनी मां से अलग कर दिए जाते हैं। सुबह के वक्त वह भूखे भी होते हैं और भूख लगने पर भी भौकतें है लेकिन एक इंसान इस तरह हैवान कैसे हो सकता है। एक साथ आठवीं मंजिल से दो छोटे पपीज कैसे छलांग लगा सकते हैं जैसा कि उक्त नागरिक कह रहा है। उन्होंने इसे लेकर डीजीपी हरियाणा, पुलिस आयुक्त, जीव जंतु कल्याण बोर्ड सहित विभिन्न सरकारी महकमों में उक्त नागरिक के क्रूरता को लेकर गुहार लगाई है।


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