तकनीकी आधारित जॉब में बूम का इंतजार

ऑनलाइन कंपनीज, सॉफ्टवेयर में शिफ्ट होगी इकोनॉमी पढ़ाई और कोर्सेज में भी होगा व्यापक बदलाव दुनिया में लाखों नौकरियों पर कोरोना का ग्रहण लगा हुआ है, इसकी काली छाया दूर होते ही आईटी सेक्टर से लेकर ऑनलाइन बिजनेस करने वाली कंपनियों में रोजगार का बूम आने वाला है. इतना ही नहीं एजुकेशन सिस्टम में भी क्रांतिकारी परिवर्तन अगले कुछ वर्षों में देखने को मिलेंगे. प्रोफेशनल कोर्सेज सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट से लेकर वेबसाइट डेवलपमेंट, इक्विपमेंट डेवलपमेंट जोकि हेल्थ, एजुकेशन से लेकर फार्मा और आईटी बेस्ड होंगें जैसे एवेन्यूज पर हमारा एजुकेशन सिस्टम आगे बढ़ेगा. किन क्षेत्रों में बढ़ेगा एजुकेशन ऑनलाइन शॉर्ट टर्म कोर्सेज स्किल बेस्ड ट्रेनिंग ऑनलाइन प्रोग्राम इवेंट मैनेजर सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट हेल्थ फार्मा आईटी बेस्ड जॉब्स तकनीकी आधारित जॉब लॉक डाउन के दौरान जब वर्चुअल माध्यम से एजुकेशन सिस्टम चलाने की कोशिश की जा रही थी यह भी देखा गया कि यूनिवर्सिटी यूट्यूब चैनल वेबसाइट विजिट करने वालों बाढ़ आ गई. महज सवा साल में ही लखनऊ यूनिवर्सिटी की वेबसाइट को तीन करोड़ लोगों ने विजिट किया जिसमें फॉरेनर्स की भी अच्छी खासी तादाद रही. इसी प्रकार अब्दुल कलाम टेक्निकल यूनिवर्सिटी की वेबसाइट को विजिट करने वाले की संख्या भी अचानक बढ़ गई. बाबू बनारसी दास या अन्य एजुकेशनल इंस्टीट्यूशंस की वेबसाइट और युटुब पर विजिट करने वालों की तादाद में 5 से 6 गुना की बढ़ोतरी देखी गई. आने वाले वक्त में ऑनलाइन सेल करने वाली कंपनियों में जॉब का बूम आने की संभावना है. चाहे वह स्विगि, जोमैटो हो या फ्लिपकार्ट अमेजॉन जैसी कंपनियां हो. इतना ही नहीं बल्कि बड़े-बड़े शॉपिंग मॉल्स में अपने शोरूम चलाने वाली कंपनियां ऑनलाइन सेक्टर पर भी काम करना शुरू कर देंगी. इसके लिए सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट, ऑनलाइन ट्रेडिंग, ऑनलाइन सेल के साथ ही स्किल डेवलपमेंट के लोग ऑनलाइन उपलब्ध होंगे. ट्रेडिशनल कोर्स चलाने वाले संस्थानों में भी तकनीकी रूप से दक्ष टीचर और स्टाफ की मांग बढ़ेगी. जोकि स्टूडेंट्स को इबुक्स, ई लाइब्रेरी से लेकर ऑनलाइन लैब जैसी सुविधाओं को प्रोवाइड कर पाने में सहज हो., इसके अलावा यदि कोई स्टूडेंट रोजाना क्लास कर पाने में सक्षम नहीं होता तो उसको ऑनलाइन वेबसाइट और एप के माध्यम से एजुकेट किया जा सके. हेल्थ सेक्टर अब इस फील्ड में नए इक्विपमेंट की खोज से लेकर उनको अपडेट करने वालों की मांग बढ़ेगी. इसके अलावा टेलीमेडिसिन और भी डिवेलप किया जाएगा ताकि ग्रामीण इलाकों में लोगों को आसानी हो सके. हेल्थ से जुड़े नई मशीनों, टेस्टिंग के डेवलपमेंट से लेकर उनकी मार्केटिंग का चलन बढ़ेगा. साथ ही फार्मा सेक्टर और भी डेवलप होगा. तकनीकी और आईटी सेक्टर अब नए तरह के एप्स की डिमांड बढ़ेगी इसके अलावा तरह की वेबसाइट को डेवलप करने और डिजाइन करने वालों की जरूरत पड़ेगी. आने वाले टाइम में आईटी फिल्ड के पेशेवरों की मांग में बढ़ोतरी होगी. 1. पूरा एजुकेशन सिस्टम में परिवर्तन देखने को मिलेगा. प्रोफेशनल कोर्सेज अब और भी अधिक होंगे इस दिशा में यूनिवर्सिटी सिस्टम को सोचना होगा और नए कोर्स तैयार करने होंगे. लखनऊ यूनिवर्सिटी इसको लेकर बिल्कुल जागरूक है और हम इस दिशा में आगे भी बढ़ रहे हैं. आलोक कुमार राय, वाइस चांसलर, लखनऊ यूनिवर्सिटी 2. पहले भी इंटरनेट का इस्तेमाल लगभग सभी फील्ड में होने लगा था यहां तक की सर्विस सेक्टर से अधिक इसका इस्तेमाल विनिर्माण क्षेत्र में होने लगा है. यहां तक की रियल स्टेट फील्ड में भी ऑनलाइन सेल से लेकर साइट विजिट तक का उपयोग किया जाने लगा है बाकी क्षेत्रों का तो छोड़ दीजिए. आने वाला वक्त तकनीकी शिक्षा स्किल डेवलपमेंट और प्रोफेशनल कोर्सेज का ही होगा. अरुण कुमार सिंह, प्रोफेशनल कोर्स संचालक 3. अब्दुल कलाम टेक्निकल यूनिवर्सिटी शुरू से ही हाईटेक साधनों के प्रयोग के पक्ष में रही है. वक्त की जरूरतों के हिसाब से हम स्टूडेंट को तैयार कर रहे हैं ताकि वह अधिक से अधिक देश और समाज की सेवा कर सके. हेल्थ, मेडिसिन, आईटी बेस्ड से लेकर एग्रीकल्चर तक लगभग कोई भी ऐसा फील्ड नहीं होगा जहां पर तकनीकी का इस्तेमाल आने वाले टाइम में नहीं होगा और इसके लिए मैं कोर्सेज तैयार होंगे नए स्केल से युक्त स्टूडेंट निकलेंगे. प्रोफेसर विनय पाठक, वाइस चांसलर, ए के टी यू 4. एजुकेशन सिस्टम में क्वांटम जंप आने वाला है. काफी बदलाव दिखाई देने लगे हैं और भविष्य सिर्फ और सिर्फ तकनीकी का दिखाई देता है. अब किताबी ज्ञान से अधिक टेक्निकल नॉलेज को महत्व दिया जाएगा. अधिकतम प्रोफेशनल लोगों की मांग बढ़ेगी. शिक्षा से लेकर परिवार और बाजार तक हर जगह एप आधारित काम होंगे. विनय प्रताप, प्रोफेशन कोर्स टीचर

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